कल मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा: पवित्र नदी में स्नान व दीपदान करने से अक्षय पुण्य की होती है प्राप्ति
- By Habib --
- Monday, 07 Nov, 2022
Tomorrow will be celebrated Kartik Purnima
कार्तिक पूर्णिमा इस साल 8 नवंबर को है। कार्तिक मास को सभी महीनों में बेहद शुभ व फलदायी माना गया है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करने से इस पूरे महीने के गए पूजा-पाठ के बराबर फल मिलता है। कार्तिक महीना भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। इसी तिथि पर भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था। इसे भगवान विष्णु का पहला अवतार माना जाता है। प्राचीन समय में जब जल प्रलय आया था, तब मत्स्य अवतार के रूप में भगवान ने पूरे संसार की रक्षा की थी। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि इस तिथि पर शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था, इस वजह से इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा कहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। इस कारण इसे देव दीपावली कहते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है। साथ ही हवन, दान, जप, तप आदि धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व बताया गया है।
विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था। कार्तिक मास की अंतिम तिथि यानी पूर्णिमा पर इस माह के स्नान समाप्त हो जाएंगे। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान, दीपदान, पूजा, आरती, हवन और दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढऩी और सुननी चाहिए। जरूरतमंद लोगों को फल, अनाज, दाल, चावल, गरम वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर अगर नदी में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर ही सुबह जल्दी उठें और पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और नदियों का ध्यान करना चाहिए।
सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। जल तांबे के लोटे से चढ़ाएं। अर्घ्य देते समय सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए। किसी गौशाला में हरी घास और धन का दान करें। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। कर्पूर जलाकर आरती करें। शिव जी के साथ ही गणेश जी, माता पार्वती, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की भी विशेष पूजा करें। हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
कार्तिक पूर्णिमा दीपदान समय
पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली पर्व 7 नवम्बर 2022 के दिन मनाया जाएगा। इसी दिन संध्या काल में दीपदान किया जाएगा। साथ ही चंद्रमा की पूजा भी इसी दिन की जाएगी। हिन्दू पंचांग में देव दीपावली का शुभ मुहूर्त शाम 05:14 से शाम 07:49 तक निर्धारित किया गया है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान कब?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उदयातिथि के अनुसार स्नान एवं दान करने का विशेष महत्व है। इसलिए भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पवित्र नदी में स्नान 8 नवम्बर के दिन करें। इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन चंद्र ग्रहण लगा जाएगा। जिस वजह से सूतक काल का भी ध्यान रखें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूतक काल सुबह आठ बजे लग जाएगा। इसलिए आठ बजे से पहले पवित्र स्नान करने का प्रयास करें और व्रत का संकल्प लें। ज्योतिषाचार्य यही सुझाव घर पर स्नान और दान करने वाले भक्तों को भी दे रहे हैं।